कहा था तुम ने ही मुझ को ऐसा कि ऐसी शोहरत बिगाड़ देगी अब आ के देखो तो फिर कहोगे कि इतनी वहशत बिगाड़ देगी बहुत यक़ीं से कहा है उस ने अगर कभी हम अलग हुए तो तुम्हें हमारी हमें तुम्हारी यही ज़रूरत बिगाड़ देगी हमारी क़िस्मत में और क्या है उदास नज़्में अधूरी ग़ज़लें हमारी सोहबत से दूर रहिए हमारी सोहबत बिगाड़ देगी इसी तरह गर तुम्हारे नख़रे रहा उठाता मैं सर पे अपने तो है ये मुमकिन कि जान तुम को मिरी मोहब्बत बिगाड़ देगी मुझे हुई है ये बात मालूम बाद मिलने के इस से यारों बिगाड़ देगी बिगाड़ देगी वो लड़की आदत बिगाड़ देगी