ज़हर के जाम हैं बहुत सारे सच के इनआ'म हैं बहुत सारे ये जो उन का सलाम आया है इस में पैग़ाम हैं बहुत सारे ज़िक्र किस का करें किसे छोड़ें ज़ेहन में नाम हैं बहुत सारे सादगी कम-नवाई नादानी हम पे इल्ज़ाम हैं बहुत सारे एक ही काम तो नहीं हम को और भी काम हैं बहुत सारे बच के चलना नहीं 'नईम' आसाँ दाम हर गाम हैं बहुत सारे