ज़िक्र-ए-गुल हो ख़ार की बातें करें लज़्ज़त-ओ-आज़ार की बातें करें है मशाम-ए-शौक़ महरूम-ए-शमीम ज़ुल्फ़-ए-अम्बर-बार की बातें करें दूर तक ख़ाली है सहरा-ए-नज़र आहू-ए-तातार की बातें करें आज कुछ ना-साज़ है तब-ए-ख़िरद नर्गिस-ए-बीमार की बातें करें यूसुफ़-ए-कनआँ' का हो कुछ तज़्किरा मिस्र के बाज़ार की बातें करें आओ ऐ ख़ुफ़्ता-नसीबो मुफ़लिसो दौलत-ए-बेदार की बातें करें 'जौन' आओ कारवाँ-दर-कारवाँ मंज़िल-ए-दुश्वार की बातें करें