जल्वा-सामाँ रुख़-ए-जानाँ न हुआ था सो हुआ ज़र्रा ज़र्रा मह-ए-ताबाँ न हुआ था सो हुआ कुछ तो पहले से ही अफ़्सुर्दा थे अहल-ए-गुलशन कुछ ये ग़म ख़ून-ए-बहाराँ न हुआ था सो हुआ मैं ने देखा है तिरी कम-निगही का अंजाम आश्ना-ए-ग़म-ए-दौराँ न हुआ था सो हुआ ये इनायत ये तिरा जूद-ओ-करम है कि मुझे शिकवा-ए-तंगी-ए-दामाँ न हुआ था सो हुआ अल्लाह अल्लाह मय-ओ-मीना का असर भी क्या है कुछ इलाज-ए-ग़म-ए-दौराँ न हुआ था सो हुआ ये तिरे शे'र तिरा हुस्न-ए-तग़ज़्ज़ुल 'असअद' तिरे शे'रों से जो शादाँ न हुआ था सो हुआ