ज़मीं पे आग फ़लक पर धुआँ दिखाई दिया मिरा वजूद कहीं दरमियाँ दिखाई दिया हर एक सम्त यक़ीं की नक़ाब ओढ़े हुए हर एक पैकर-ए-वहम-ओ-गुमाँ दिखाई दिया सियाह चाँद सितारे सियाह सूरज था सुना है उस को अजब इक समाँ दिखाई दिया वो मेरा मैं था कि मैं था या मेरा साया था कल आइने में कोई बद-गुमाँ दिखाई दिया अधूरी शक्ल अधूरी नज़र अधूरा वजूद अजीब शख़्स मुझे कल वहाँ दिखाई दिया