जन्नत है जिस का नाम तिरा रहगुज़ार है तेरा ख़िराम है कि नसीम-ए-बहार है आ जाओ अब वगर्ना भुला देंगे हम तुम्हें इतना तो अपने दिल पे हमें इख़्तियार है वाबस्ता तेरी याद से थीं बे-क़रारियाँ तुझ को भुला दिया है तो कितना क़रार है वो सादगी वो सादा-दिली वो नज़र कहाँ किस ने कहा है आप से 'साइब' को प्यार है