ज़रा सी देर में वो जाने क्या से क्या कर दे By Ghazal << ज़िंदगी के सारे मौसम आ के... ज़रा मुश्किल से समझेंगे ह... >> ज़रा सी देर में वो जाने क्या से क्या कर दे किसे चराग़ बना दे किसे हवा कर दे मिरे मिज़ाज के कूफ़े पे जिस का क़ब्ज़ा है ख़बर नहीं कि वो कब मुझ को कर्बला कर दे ये कौन शख़्स है उस लफ़्ज़ जैसा लगता है मिरे वजूद के मतलब को जो अदा कर दे Share on: