ज़रा सोच कर ऐ जफ़ा करने वाले कहीं जी न छोड़ें वफ़ा करने वाले गिला कुछ नहीं मुझ को वाइ'ज़ से लेकिन ये कौन आप का तज़्किरा करने वाले घमंड उन को अल्लाह रे इतना जफ़ा का तो क्या मर गए अब वफ़ा करने वाले बड़े बे-मुरव्वत बड़े बेवफ़ा हो हमेशा बहाना नया करने वाले गली में तिरी सर-ब-कफ़ हो के आएँ कहाँ हैं मिरा सामना करने वाले वो बेबाक चितवन यही कह रही है किसी से नहीं हम वफ़ा करने वाले शहीदान-ए-उल्फ़त न ख़ुश हों तड़प कर वो इस पर नहीं ए'तिना करने वाले ये कहता है परवाने का जल के मरना वफ़ा करते हैं यूँ वफ़ा करने वाले समझते हैं आसाँ अभी उन का मिलना बहुत दूर हैं हौसला करने वाले नक़ाब उन की जिस वक़्त सरकेगी रुख़ से क़यामत करेंगे हया करने वाले दम-ए-नज़अ आख़िर निकल आए आँसू कहाँ जा के चौके वफ़ा करने वाले ज़बाँ पर मिरी राज़-ए-दिल अब तो आया मिरी शर्म रख ले हया करने वाले दवा से तो बीमार कुछ और उलझा मरज़ ही न समझे दवा करने वाले ख़मोशी मिरी लाश की कह रही है जफ़ा सहते हैं यूँ वफ़ा करने वाले गदा कौन बेताब सा इस गली में हैं यूँ तो बहुत से सदा करने वाले