जवाब माँगता था मैं सवाल दे दिया गया तलाश दर तलाश का वबाल दे दिया गया अता हुआ था जब यक़ीं की सब्ज़ वादियों में घर तो क्यूँ दर-ए-गुमाँ पस-ए-ख़याल दे दिया गया मिरी ज़मीन-ए-चश्म-ए-नम में ख़्वाब बो दिए गए मुझे ख़मीर-ए-शौक़ ला-ज़वाल दे दिया गया हवाओं को दयार-ए-दिल की रात सौंप दी गई बदन को शम-ए-ना-तवाँ का हाल दे दिया गया तुम्हारे बा'द दौलत-ए-ग़म-ए-जहान मिल गई दुआ क़ुबूल हो गई मलाल दे दिया गया नसीब-वर तुम्हें तो तौक़-ए-हसरत-ए-फ़ना मिला हमें तो ख़ौफ़-ए-लम्हा-ए-विसाल दे दिया गया ये दास्तान-ए-तिफ़्ल-ए-नय सवार-ए-रख़्श-ए-आगही कमाल फिर ज़वाल फिर कमाल दे दिया गया