जवाब सोच के मुझ को जवाब दे देना ज़बाँ से कह न सको तो गुलाब दे देना कभी जो सदक़ा निकालो मिरी मोहब्बत का तो मेरी आँखों के हिस्से के ख़्वाब दे देना वफ़ा की राह में दिल तुम से माँग ले कोई तो दिल ये हँस के उसे तुम जनाब दे देना कि हम ने कितनी दफ़ा उँगलियाँ फिराई थीं कभी ये ज़ुल्फ़ का अपनी हिसाब दे देना