जिधर देखिए है क़यामत की दुनिया मुसीबत है गोया मोहब्बत की दुनिया तिरे हुस्न की नूर-अफ़्शानियों से है मा'मूर हर दम मोहब्बत की दुनिया दिल-ए-मुज़्तरिब ऐसा मुमकिन कहाँ है मसर्रत दिखाए मोहब्बत की दुनिया कभी हसरतों से कभी आफ़तों से है आबाद हर-दम मोहब्बत की दुनिया न जा 'फ़ैज़' दुनिया की रंगीनियों पर सरासर है धोका मोहब्बत की दुनिया