जिन की आँखों में था सुरूर-ए-ग़ज़ल By Ghazal << क़ातिल को तेग़-ए-नाज़ पे ... घर में साक़ी-ए-मस्त के चल... >> जिन की आँखों में था सुरूर-ए-ग़ज़ल उन ग़ज़ालों की याद आती है सादगी ला-जवाब थी जिन की उन सवालों की याद आती है जाने वाले कभी नहीं आते जाने वालों की याद आती है 'वज्द' लुत्फ़-ए-सुख़न मुबारक हो बा-कमालों की याद आती है Share on: