जिसे सुनाओगे पहले ही सुन चुका होगा मुझे यक़ीन है ये ऐसा वाक़िआ होगा यहाँ तो अब भी हैं तन्हाइयाँ जवाब-तलब वो पहले-पहल यहाँ किस तरह रहा होगा जो आज तक हुआ कुछ कुछ समझ में आता है कोई बताए यहाँ इस के बाद क्या होगा ख़ला में पाएँगे तारा जो दूर तक निकलें फिर इस के बाद बहुत दूर तक ख़ला होगा समझता हूँ मैं अगर सब अलामतें उस की तो फिर वो मेरी तरह से ही सोचता होगा क़दीम कर गई ख़्वाहिश जदीद होने की किसे ख़बर थी यहाँ तक वो दायरा होगा शिकस्ता-पाई से होती हैं बस्तियाँ आबाद जो अब क़बीला हुआ पहले क़ाफ़िला होगा पसंद होंगी अभी तक कहानियाँ उस को वो मेरे जैसा कोई अब भी ढूँडता होगा फ़ज़ा ज़मीन की थी इतनी अजनबी कि 'मलाल' सितारा-वार कहीं राख हो गया होगा