जीवन के सफ़र में राही मिलते हैं बिछड़ जाने को और दे जाते हैं यादें तन्हाई में तड़पाने को ये रूप की दौलत वाले कब सुनते हैं दिल के नाले तक़दीर न बस में डाले इन के किसी दीवाने को जो इन की नज़र से खेले दुख पाए मुसीबत झेले फिरते हैं ये सब अलबेले दिल ले के मुकर जाने को दिल ले के दग़ा देते हैं इक रोग लगा देते हैं हँस-हँस के जला देते हैं ये हुस्न के परवाने को अब साथ न गुज़रेंगे हम लेकिन ये फ़ज़ा रातों की दोहराया करेगी हर-दम इस प्यार के अफ़्साने को रो-रो के इन्हीं राहों में खोना पड़ा इक अपने को हँस-हँस के इन्हीं राहों में अपनाया था बेगाने को तुम अपनी नई दुनिया में खो जाओ पराए बन कर जी पाए तो हम जी लेंगे मरने की सज़ा पाने को