जो अभी मेरा है तेरे संग होना चाहिए चाहता हूँ हाथ यूँ भी तंग होना चाहिए बस यही कुछ सोच कर दिल में तिरे मैं आ बसा कोई इस घर में तिरा पासंग होना चाहिए कब तलक ये बंद कमरे और गली-कूचों का ख़ौफ़ ज़िंदगी में कोई तो आहंग होना चाहिए पहले फेरे में तो दुनिया मुझ से पीछे रह गई पैर में अब के मिरे कुछ लंग होना चाहिए कोई मौजों से यूँही अटखेलियाँ करते रहे और साहिल पर किसी को तंग होना चाहिए संग-दिल लड़कों से मजनूँ को बचाने के लिए हाथ में तेरे भी लैला संग होना चाहिए तितलियाँ 'मंज़र' लड़कपन में जो हम को दे गईं अपने हाथों पर वही अब रंग होना चाहिए