जो भी चाहें आप मर्ज़ी आप की जाएँ आएँ आप मर्ज़ी आप की दिल लगाएँ आप मर्ज़ी आप की दिल दुखाएँ आप मर्ज़ी आप की हम बहाएँ अश्क ये अपना नसीब मुस्कुराएँ आप मर्ज़ी आप की इम्तिहान हम इश्क़ का देंगे ज़रूर आज़माएँ आप मर्ज़ी आप की दर्द-ए-दिल से आप को क्या वास्ता बस चलाएँ आप मर्ज़ी आप की शाद दिल हो गर तुम्हें हम देख लें या रुलाएँ आप मर्ज़ी आप की मैं तो चाहूँगा हमेशा आप को अब बताएँ आप मर्ज़ी आप की अब सुनाएँ किस को 'हैदर' हाल-ए-दिल लिख के जाएँ आप मर्ज़ी आप की