जो फ़न से फ़िक्र की तदबीर गुफ़्तुगू करेगी तो गूँगी-बहरी भी तस्वीर गुफ़्तुगू करेगी मैं जीते-जी उसे ऐसा हुनर सिखा दूँगा कि मेरे बा'द ये तहरीर गुफ़्तुगू करेगी अदालतों में गवाही हमें मिले न मिले हमारे पाँव की ज़ंजीर गुफ़्तुगू करेगी इसी उम्मीद पे आँखों के ख़्वाब ज़िंदा हैं कि एक दिन कवी ता'बीर गुफ़्तुगू करेगी पिघल ही जाएगा वो संग-दिल किसी दिन जब मिरे ज़बान की तासीर गुफ़्तुगू करेगी बदन से कर के बदन की समाअ'तों को दूर ये साँस रूह से आख़ीर गुफ़्तुगू करेगी