जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता हमेशा एक ही से प्यार हो ऐसा नहीं होता हर इक कश्ती का अपना तजरबा होता है दरिया में सफ़र में रोज़ ही मंजधार हो ऐसा नहीं होता कहानी में तो किरदारों को जो चाहे बना दीजे हक़ीक़त भी कहानी-कार हो ऐसा नहीं होता कहीं तो कोई होगा जिस को अपनी भी ज़रूरत हो हर इक बाज़ी में दिल की हार हो ऐसा नहीं होता सिखा देती हैं चलना ठोकरें भी राहगीरों को कोई रस्ता सदा दुश्वार हो ऐसा नहीं होता