जो हुआ जैसा हुआ अच्छा हुआ जब जहाँ जो हो गया अच्छा हुआ दुख पे मेरे रो रहा था जो बहुत जाते जाते कह गया अच्छा हुआ बात थी पर्दे की पर्दे में रही टल गया इक हादसा अच्छा हुआ मेरी बिगड़ी दास्ताँ में दोस्तो ज़िक्र उन का जब हुआ अच्छा हुआ उठते उठते उन की नज़रें झुक गईं तुम पे 'आज़िम' तब्सिरा अच्छा हुआ