जुंबिश-ए-अर्ज़-ओ-समावात में आए हुए हैं इन दिनों गर्दिश-ए-हालात में आए हुए हैं अब जो तू चाहे जहाँ चाहे हमें ले जाए क्या करें हम जो तिरे हाथ में आए हुए हैं मैं अकेला ही नहीं आया तुझे देखने को कुछ सितारे भी मिरे साथ में आए हुए हैं ऐ मह-ए-चार-दहुम तेरी ख़ुशी की ख़ातिर इक सियह-रात की बोहतात में आए हुए हैं मैं भी दिन-रात यहाँ कूज़ा-गरी करता हूँ उस के सब रंग मिरी ज़ात में आए हुए हैं इश्क़ ख़ुद आप ख़ुराफ़ात-ए-तमन्ना है 'ज़ईम' इस लिए दश्त-ए-ख़ुराफ़ात में आए हुए हैं