कब करे क़स्द यार आवन का दिल-ए-वीरान के बसावन का राम माशूक़ अगर होवे आशिक़ तोड़ दे सर रक़ीब रावण का झाड़ मत जाँ तुझे ख़ुदा की सूँ दिल मिरा है ग़ुबार दामन का जब फड़कता है बीजली ज्यूँ दिल झड़ लगाती है नयन सावन का बेद-ए-मजनूँ कहोगे 'यकरू' कूँ ख़ूब लैला सती है बामन का