कभी बे-सबब तुम रुला कर तो देखो मुझे मेरी जाँ आज़मा कर तो देखो न छूटेगा पल भर को दामन तुम्हारा कभी हम को अपना बना कर तो देखो वफ़ा का महकता हुआ फूल बन कर महक अपनी हम पर लुटा कर तो देखो न टूटेगा बंधन कभी ये हमारा कभी हम से दो पल निभा कर तो देखो अभी तक खड़े हैं इसी मोड़ पर हम कभी तुम वहीं हम को आ कर तो देखो किरन ज़िंदगानी की उतरेगी दिल में कभी अपना दामन बिछा कर तो देखो