कभी है शौक़ उकसाहट का मौसम कभी बे-नाम उकताहट का मौसम कभी बूंदों की किन-मिन रागनी सी कभी बादल की गुर्राहट का मौसम फ़क़त नाकामियों से काम अपना ये मायूसी में झल्लाहट का मौसम कोई तारीख़ पोशीदा है इस में ये तल्ख़ी और कड़वाहट का मौसम ये सन्नाटा यही तो चाहता है किसी दस्तक किसी आहट का मौसम