क़दम के साथ अजब इक क़दम लगा है मियाँ मिरे वजूद के पीछे अदम लगा है मियाँ बजा कि एक है गिर्ये में गिर्या-ए-याक़ूब मुझे तो दामन-ए-यूसुफ़ भी नम लगा है मियाँ कुछ और चाहिए वुसअ'त उसे ब-क़द्र-ए-नज़र ये आईना मिरी हैरत को कम लगा है मियाँ गर आईने को लगे वो भी ज़ंग हो जाए वो रोग हम को ख़ुदा की क़सम लगा है मियाँ तुम्ही बताओ कि हम क्या करें ब-जुज़ सज्दा तुम्हें ख़ुदा तो हमें वो सनम लगा है मियाँ