कहते हैं जिस को मौत है वक़्फ़ा हयात का By Ghazal << बख़्श दी हाल-ए-ज़बूँ ने ज... हवस गुलज़ार की मिस्ल-ए-अन... >> कहते हैं जिस को मौत है वक़्फ़ा हयात का दरिया-ए-ज़ीस्त एक है साहिल जगह जगह दैर-ओ-हरम से दूर है शायद तिरा मक़ाम याँ वर्ना हर क़दम पे है मंज़िल जगह जगह ख़ुश-रंग-ओ-ख़ुश-निगाह ख़ुश-अंदाम ख़ूब-रू फैले हुए हैं शहर में क़ातिल जगह जगह Share on: