क़ल्ब में ख़्वाहिशें मुदग़म नहीं करने वाले मा-सिवा रब कहीं सर ख़म नहीं करने वाले दिल के ज़ख़्मों में तुझे दे के जगह हम दिल को वहशत-ओ-चैन का संगम नहीं करने वाले तुझ को जाना है तो जा पूरी इजाज़त है तुझे हम तिरे बाद तिरा ग़म नहीं करने वाले दर्द हो लाख या सीने से लहू रिसता हो शबनमी आँख का मौसम नहीं करने वाले हम अना-ख़्वार अना-दार अना वाले हैं हम मोहब्बत को मुक़द्दम नहीं करने वाले ऐ दिल-ए-'ज़ोया' तुझे मरने की जल्दी है तो जा हम तिरी मौत का मातम नहीं करने वाले