काँटे रुस्वाई के हटा देना फिर हमें प्यार से सज़ा देना ख़ुद को देखा नहीं कई दिन से हाथ में उस के आइना देना हो सके तो हमारे नाम का भी इक दिया ताक़ में जला देना ये मोहब्बत नहीं तो फिर क्या है देख कर मुझ को मुस्कुरा देना वो मोहब्बत पे मेरी शक न करे उस को 'अशरफ़' ये मशवरा देना