कर भी लें वा'दा मगर वा'दा निभा सकते नहीं साथ अच्छा है तुम्हारा साथ आ सकते नहीं उस को लगता है कि हम उस से बिछड़ कर हैं उदास अब अगर चाहे भी दिल तो मुस्कुरा सकते नहीं दिल तो कहता है ज़रूरत है किसी हमदर्द की पर ज़रूरत के लिए तो दिल लगा सकते नहीं हर कोई चेहरे पे पढ़ना चाहता है दुख वही और हम उस दुख को अफ़्साना बना सकते नहीं तुम जो चुप हो तो यहाँ हर एक शय ख़ामोश है मान भी जाओ कि हम सब को मना सकते नहीं इस क़दर वीरान मेरा दिल तुम्हारे बाद है लौट भी आओ तो इस में घर बना सकते नहीं