ख़त कोई प्यार भरा लिख देना मशवरा लिखना दुआ लिख देना कोई दीवार-ए-शिकस्ता ही सही उस पे तुम नाम मिरा लिख देना कितना सादा था वो इम्काँ का नशा एक झोंके को हवा लिख देना कुछ तो आकाश में तस्वीर सा है मुस्कुरा दे तो ख़ुदा लिख देना बर्ग-ए-आख़िर ने कहा लहरा के मुझे मौसम की अना लिख देना हाथ लहराना हवा में उस का और पैग़ाम-ए-हिना लिख देना सब्ज़ को सब्ज़ न लिखना 'बानी' फ़स्ल लिख देना फ़ज़ा लिख देना