ख़ुश-जमालों की याद आती है By Ghazal << तेरी ये ज़ुल्फ़ें नहीं ते... हम पे जौर-ओ-सितम के क्या ... >> ख़ुश-जमालों की याद आती है बे-मिसालों की याद आती है बाइस-ए-रश्क मेहर-ओ-माह थे जो उन हिलालों की याद आती है जिन की आँखों में था सुरूर-ए-ग़ज़ल उन ग़ज़ालों की याद आती है सादगी ला-जवाब है जिन की उन सवालों की याद आती है Share on: