ख़्वाब आँखों से सारे जुदा हो गए By Ghazal << शाम-ए-ग़म बीमार के दिल पर... क्या कहें महफ़िल से तेरी ... >> ख़्वाब आँखों से सारे जुदा हो गए प्यार जिन से किया बेवफ़ा हो गए तुझ से पहले न दस्त-ए-दुआ' उठ सका तुझ को देखा मुजस्सम दुआ हो गए देख लीजे मोहब्बत की सरशारियाँ हुस्न का आप तो आइना हो गए इक नज़र तेरी नज़रों से क्या मिल गई आप तो दिल-रुबा दिलरुबा हो गए Share on: