ख़्वाब में जो कुछ देख रहा हूँ उस का दिखाना मुश्किल है आईने में फूल खिला है हाथ लगाना मुश्किल है उस के क़दम से फूल खिले हैं मैं ने सुना है चार तरफ़ वैसे इस वीरान-सरा में फूल खिलाना मुश्किल है तन्हाई में दिल का सहारा एक हवा का झोंका था वो भी गया है सू-ए-बयाबाँ उस का आना मुश्किल है शीशा-गरों के घर में सुना है एक परी कल आई थी वैसे ख़याल-ओ-ख़्वाब हैं परियाँ उन का आना मुश्किल है