ख़्वाब उठा कर ताक़ पे रक्खे मैं ने भी दुनिया तेरे नाज़ उठाए मैं ने भी वो भी उम्मीदों पर पूरा कब उतरा तोड़ दिए आदर्श पुराने मैं ने भी इश्क़ रिवायत बन कर मेरे साथ चला तस्वीरों के आँसू देखे मैं ने भी नई नवेली आवाज़ों का शोर उठा कन-अखियों से मंज़र देखे मैं ने भी आते आते आई है दुनिया-दारी रंज उसारे दर्द सँवारे मैं ने भी