ख़ुद को बीमार मत किया कर यार By Ghazal << ख़ुदा के घर सड़क कोई नहीं... भला कब मैं निशाने पर नहीं... >> ख़ुद को बीमार मत किया कर यार डूब कर प्यार मत किया कर यार जब मदद चाहे कोई ग़ैरत-मंद तब तू इंकार मत किया कर यार दिल को जाना जहाँ है जाने दो दिल से तकरार मत किया कर यार ख़ुद के खाने के लाले पड़ जाएँ इतना उपकार मत किया कर यार Share on: