खुली आँखों में दर आने से पहले नज़र आओ नज़र आने से पहले नहीं था मुझ को ज़ोम-ए-पारसाई कोई इल्ज़ाम सर आने से पहले हमें दर-पेश थी नक़्ल-ए-मकानी तिरा हुक्म-ए-सफ़र आने से पहले गले मिलती है मुझ से बे-घरी भी गली में रोज़ घर आने से पहले हुआ करते हैं रस्ते भी रुकावट गुज़र जा रहगुज़र आने से पहले नज़र-अंदाज़ कर देती थी आँखें मुझे तुझ सा नज़र आने से पहले बहुत आसान था कार-ए-हुनर भी मिरे हाथों हुनर आने से पहले कभी तो बार-वर हो जाए 'अहमद' दुआ बाब-ए-असर आने से पहले