किस की आरज़ू थे हम किस ने बे अमाँ छोड़ा छोड़ो बीती बातों को किस ने क्यों कहाँ छोड़ा पीछे पीछे हो लेते जा के हम मना लेते वो तो यूँ गया कोई नाम न निशाँ छोड़ा मुँह छुपाते फिरते हैं आप अपने दामन में उस ने इस तरह छोड़ा कि फिर कहीं का न छोड़ा बात बात पर हम को जान छोड़ो कहते हो दावा है कि रो दोगे हम ने जब जहाँ छोड़ा फिर सुना है इस के बाद दास्तानें बनती गईं कहते कहते इक जुमला हम ने दरमियाँ छोड़ा