किस को अपना हाल सुनाएँ आप बताएँ कैसे दिल को हम समझाएँ आप बताएँ आप कहें मैं बा'द में अपनी कह लूँगी आप कहें फिर भूल न जाएँ आप बताएँ आप की इस उकताहट को अब हम क्या समझें क्या अब हम मिलने नहीं आएँ आप बताएँ आप बिना अब कौन हमारे नाज़ उठाए किस से रूठें किस को सताएँ आप बताएँ आँखें रस्ता तकने पर मामूर हुईं हैं दिल से कैसे याद मिटाएँ आप बताएँ बोलें आप पे कोई क़यामत गुज़रेगी क्या आप के जैसे हम हो जाएँ आप बताएँ फ़र्क़ कहाँ रह जाएगा फिर हम दोनों में हम भी गर एहसान जताएँ आप बताएँ ख़ामोशी ने सब कुछ ही तो कह डाला है बोलें नाँ अब क्या बतलाएँ आप बताएँ आप ने ख़ुद को ख़ुद ही शहर में आम किया है क्यूँ नहीं अब ये लोग सताएँ आप बताएँ कब तक तन्हा क़ौल निभाते जाएँगे हम कब तक हों मजरूह वफ़ाएँ आप बताएँ मुझ बेचारी का कहना किस गिनती में है आप भले कुछ भी फ़रमाएँ आप बताएँ इश्क़ पड़ा है पीछे हाथ ही धो कर जैसे कैसे अपनी जान बचाएँ आप बताएँ कौन 'रबाब' सुने अब लोगों की बातों को छोड़ें जो भी लोग सुनाएँ आप बताएँ