किस को कहते हैं जफ़ा क्या है वफ़ा याद नहीं ऐ मोहब्बत मुझे कुछ तेरे सिवा याद नहीं देखिए होती है किस तरह शब-ए-ग़म की सहर अब तो ऐ दर्द-ए-जिगर कोई दुआ याद नहीं हो गई ख़त्म रह-ओ-रस्म-ए-मोहब्बत शायद मैं वफ़ा भूल गया उन को जफ़ा याद नहीं यूँ भी कर सकते हो बर्बाद-ए-मोहब्बत पे करम हम ने माना कि तुम्हें अहद-ए-वफ़ा याद नहीं दिल-ए-दीवाना पे इल्ज़ाम लगाने वाले जिस ने दीवाना बनाया वो अदा याद नहीं जिस से 'अख़्तर' हो मिरे दर्द-ए-मोहब्बत का इलाज क्या मसीहा-नफ़सों को वो दवा याद नहीं