किस मुँह से कहें गुनाह क्या हैं तौबा है रू-सियाह क्या हैं अल्लाह है अफ़्व करने वाला मैं क्या हूँ मिरे गुनाह क्या हैं ऐ दोस्त तिरे गदा के आगे कुछ भी नहीं बादशाह क्या हैं तुम सा कोई बद-चलन न होगा है है आशिक़ तबाह क्या हैं गोरी गोरी है उन की सूरत उस पर गेसू-ए-सियाह क्या हैं चक्कर मैं हैं शैख़-ओ-गब्र दोनो अपने लिए ख़ुद तबाह क्या हैं देखे कोई हाल-ए-अहल-ए-दुनिया ये लोग भी वाह वाह क्या हैं उतरें उन से मुक़ाबले को अफ़्लाक पे मेहर-ओ-माह क्या हैं धूमें तेग़-ए-निगाह की हैं तेवर ऐ कज-कुलाह क्या हैं शाहिद हैं तिरे सितम के लाखों दो-चार उस के गवाह क्या हैं अल्लाह रे उन बुतों की आँखें काफ़िर जादू निगाह क्या हैं कट जाएगी उम्र-ए-चंद-रोज़ा फ़िक्रें शाम-ओ-पगाह क्या हैं उन का तो जवाब ही नहीं है माशा-अल्लाह वाह क्या हैं ऐ दिल उल्फ़त के महकमे में क़ाज़ी क्या है गवाह क्या हैं दिल है तो ज़ियादा उस से होंगे ये नाला-ओ-अश्क-ओ-आह क्या हैं पहलू में निगार हाथ में जाम इस वक़्त तो बादशाह क्या हैं उन की आमद जो ऐ 'सबा' है सब मतलब रू-ब-राह क्या हैं