किस से मिलने जाओ अब किस से मुलाक़ातें करो तुम अकेले हो दिल-ए-तन्हा से ही बातें करो फिर यूँ ही मिल बैठें हम और दुख भरी बातें करें हाथ उठा कर ये दुआ माँगो मुनाजातें करो सब परिंदे अपने अपने जंगलों में खो गए अब तो हिलती डालियों से बैठ कर बातें करो इत्तिफ़ाक़न हम तुम्हारे साए से गुज़रें कभी बादलो तुम प्यार के लम्हों की बरसातें करो अब तो जैसे इस इमारत को भी चुप सी लग गई खिड़कियो दरवाज़ो चहको गाओ कुछ बातें करो