किस तरह ये दिल हुआ तुम पर फ़िदा लिख जाऊँगा अपनी पेशानी पे अपनी हर ख़ता लिख जाऊँगा नेक-नामी आप की क़ाएम रहेगी इस तरह आप को मासूम मैं ख़ुद को बुरा लिख जाऊँगा लौह पर मुझ से ख़ुदा लिखवाए गर मेरी रज़ा वो हमेशा ख़ुश रहें मैं ये दुआ लिख जाऊँगा तजरबा जिस से मिरे दिल ने बहुत पाया सुरूर देखना उन की हया की इंतिहा लिख जाऊँगा मैं वसिय्यत में लहद अपनी सजाने के लिए हो कफ़न मेरा फ़क़त उन की रिदा लिख जाऊँगा