किसी तारीक गोशे में बसर होगी हमारी महल में तुझ को पल पल की ख़बर होगी हमारी अजब इक सेहर होगा जान देनी बेबसी में फ़रिश्तों की तसल्ली चारागर होगी हमारी शुआ'ओं की सवारी नूर की रफ़्तार होगी मगर इक ख़ाक-ज़ादी हम-सफ़र होगी हमारी जहानों के सफ़र हैं और सितारों से सनद है ग़ज़ल में हर रिवायत मो'तबर होगी हमारी छुपे होंगे ज़मीं-ता-आसमाँ उस में तिलिस्मात ब-ज़ाहिर गो हिकायत मुख़्तसर होगी हमारी