किताब-ए-कश्फ़ की पहली कहानी लिख रहा है मिरे अंदर कोई कशफ़ी कहानी लिख रहा है लहू और अश्क में भीगा हुआ चुप का परिंदा कहानी लिखने वाले की कहानी लिख रहा है मिरे ऐवान-ए-हैरत में कहानी-कार कोई कहीं बैठा हुआ सच्ची कहानी लिख रहा है मैं हर किरदार में उस के मुक़ाबिल आ गया हूँ मिरा हम-ज़ाद ये कैसी कहानी लिख रहा है बड़ा बे-रहम है सफ़्फ़ाक है गुस्ताख़ है वो सो अपने अह्द की पूरी कहानी लिख रहा है बड़ी अच्छी कहानी है हवा और बादबाँ की मुसाफ़िर तो बड़ी अच्छी कहानी लिख रहा है उसी का हौसला है जो ख़िज़ाँ-रुत में भी 'शौकत' गुलाबों से मोहब्बत की कहानी लिख रहा है