कितने आसान रास्ते होते हम अगर साथ चल रहे होते होती ऊँची उड़ान अपनी भी पर अगर यूँ न कट गए होते ख़ुद से फ़ुर्सत हमें अगर मिलती आप का साथ दे रहे होते बात तो कर के देखते बाहम फिर जो होते सो फ़ैसले होते बात करते अगर सितारों से शब के हम-राह रतजगे होते आरज़ू थी कि इश्क़ में 'शबनम' दिल के धागे कहीं बंधे होते