कोई दुआ है या फिर बद-दुआ है मेरे लिए ये कौन पिछले पहर रो रहा है मेरे लिए मैं मो'तरिफ़ हूँ बहर-हाल उस की चाहत का जो तर्क-ए-दुनिया किए जा रहा है मेरे लिए पनाह अब किसी भी जाँ में ले लिया जाए कि आसमाँ न ज़मीं कुछ बचा है मेरे लिए मैं चाह के भी जुदा इस से हो नहीं सकता अजीब बेबसी की इंतिहा है मेरे लिए समझ न पाया उसे मैं न वो मुझे 'रिज़वान' ये कोई वाहिमा या हादिसा है मेरे लिए