कोई ना-मेहरबाँ है और मैं हूँ हिजाब-ए-दरमियाँ है और मैं हूँ ग़म-ए-जौर-ए-बुताँ है और मैं हूँ ये इक कोह-ए-गिराँ है और मैं हूँ इक आह-ए-ना-तवाँ है और मैं हूँ मिरी उम्र-ए-रवाँ है और मैं हूँ इधर दिल और जिगर में इक ख़लिश है उधर दर्द-ए-निहाँ है और मैं हूँ रवाँ आँखों से है अश्कों का दरिया ये बहर-ए-बेकराँ है और मैं हूँ नफ़स है और गुलशन का तसव्वुर ख़याल-ए-आशियाँ है और मैं हूँ नमाज़-ए-इश्क़ है और ये जबीं है किसी का आस्ताँ है और मैं हूँ है मेरा तर्जुमान-ए-ग़म हर आँसू दहान-ए-बे-ज़बाँ है और मैं हूँ किसी का क़िस्सा है लब पर शब-ओ-रोज़ किसी की दास्ताँ है और मैं हूँ कहूँ मरक़द में अपनी बेकसी क्या कि इक तीरा-मकाँ है और मैं हूँ मिरी हस्ती है और ज़र्ब-ए-नफ़स है दरा-ए-कारवाँ है और मैं हूँ चमन है और मिरी नग़्मा-सराई सबा है बाग़बाँ है और मैं हूँ मिरा हर ज़ख़्म छिल कर रंग लाया बहार-ए-बे-ख़िज़ाँ है और मैं हूँ किसी की याद है और ख़ाना-ए-दिल किसी का मेहमाँ है और मैं हूँ कोई दम दर्द से ख़ाली नहीं है जफ़ा-ए-आसमाँ है और मैं हूँ बहार आती नहीं मेरे चमन में सदा दौर-ए-ख़िज़ाँ है और मैं हूँ इधर साक़ी उधर दीदार-ए-ख़ुम है दर-ए-पीर-ए-मुग़ाँ है और मैं हूँ पता मंज़िल का कुछ मिलता नहीं है तलाश-ए-कारवाँ है और मैं हूँ कहूँ ऐ 'सब्र' अपना मश्ग़ला क्या ये इक उर्दू ज़बाँ है और मैं हूँ