कोई रिश्ता तिरे पैमान से जोड़ा जाए अब मिरे हिज्र को उन्वान से जोड़ा जाए क़िस्सा-ए-हुस्न को कनआन से जोड़ा जाए इश्क़ को फिर किसी ज़िंदान से जोड़ा जाए ये तो पंछी हैं नई रुत में पलट जाएँगे रब्त कैसे किसी मेहमान से जोड़ा जाए अश्क सीने से रवाना हुए आँखों की तरफ़ उन की तुग़्यानी को तूफ़ान से जोड़ा जाए तिरी तहज़ीब से वहशत को भी ख़ौफ़ आता है तिरी बस्ती को बयाबान से जोड़ा जाए