कोई तो बात कीजिए साहब दूर ख़दशात कीजिए साहब दिल में है आप की ख़ुशी की तलब दिल की क्या बात कीजिए साहब आप से आख़िरी हो या हो पहली इक मुलाक़ात कीजिए साहब हिज्र की धूप में न जलने दें प्यार की रात कीजिए साहब आप हैं मेहरबाँ बहुत मेरे क्यों शिकायात कीजिए साहब मैं ने देखे हैं दुख-ओ-सुख के दिन मुझ से क्या बात कीजिए साहब 'फ़ातिमा' ज़िंदगी गुज़र जाए क्यों मदारत कीजिए साहब