कोई वज़ीफ़ा मुझे भी बता मिरे दरवेश तुझे हुई है फ़क़ीरी अता मिरे दरवेश मिरी ख़ता तो बस इतनी है इस तअ'ल्लुक़ में यही कि होनी को होने दिया मिरे दरवेश इसे मैं प्यार मोहब्बत का नाम कैसे दूँ ये और तरह का है तजरबा मिरे दरवेश कि जिस ने बाँध दिया तेरी ज़ात से मुझ को ये रूह का है कोई सिलसिला मिरे दरवेश हर एक साँस जुड़ी है तिरी रज़ा के साथ तो क्या यही है मुकम्मल वफ़ा मिरे दरवेश तू ज़िंदगी का सितारा भी इस्तिआ'रा भी मिरे लिए तू है सूरज-नुमा मेरे दरवेश ये तेरा इश्क़ महकता है रात दिन मुझ में कि और कुछ नहीं मुझ में नया मिरे दरवेश कि अब वजूद से मौजूद से नहीं है ग़रज़ है ला-वजूद की मुझ में सदा मिरे दरवेश