क्या बताएँ ख़ुद को क्यों बर्बाद करते रह गए उम्र भर इक शख़्स की इमदाद करते रह गए चंद ग़ज़लें लिख के उन को शोहरतें हासिल हुईं और हम बस दर्द का अनुवाद करते रह गए रास्ते बिल्कुल ग़लत फिर भी उन्हें मंज़िल मिली हम सही रस्तों को ही ईजाद करते रह गए देखिए माली ने फूलों को मसल कर रख दिया और हम इक फ़ाख़्ता आज़ाद करते रह गए एक चेहरा जो मिरी आँखों में घर करता रहा बस उसी चेहरे को 'सत्या' याद करते रह गए